राहुल बोले- चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा, लेकिन भाजपा रोजगार की बात नहीं कर रही
Lok Sabha Election 2024
राहुल गांधी ने न्याय मंच कार्यक्रम में बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार को जमकर घेरा
नई दिल्ली, 12 मई: Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली में आयोजित न्याय मंच कार्यक्रम में बेरोजगारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा।
न्याय मंच कार्यक्रम में युवाओं से संवाद करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार का है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस संविधान की रक्षा, बेरोजगारी पर बात कर रही है, जिसके लिए हमने गारंटी भी दीं हैं। लेकिन भाजपा चुनाव प्रचार में रोजगार की बात नहीं कर रही। मीडिया में बेरोजगारी मुद्दा ही नहीं है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि अडानी को सरकारी कॉन्ट्रैक्ट दिए जाते हैं। एयरपोर्ट सरकार बनाती है और उसे उठाकर अडानी को गिफ्ट कर दिया जाता है। देश में पोर्ट, एयरपोर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ यही हो रहा है। आज हिंदुस्तान में नॉन प्रोडक्टिव ग्रोथ हो रही है और चंद लोगों को कॉन्ट्रैक्ट दिए जा रहे हैं। देश का पैसा पिछड़े, दलित, आदिवासी और गरीब सामान्य वर्ग की जेब से निकलकर सीधे 22-25 लोगों के पास जा रहा है। इसलिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं, युवाओं के लिए अवसर पैदा करने के तरीकों पर बात की है।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में सबसे बड़ी 200 कंपनियों के मैनेजमेंट में एक भी पिछड़े, दलित, आदिवासी, और गरीब सामान्य वर्ग के लोग नहीं है। देश की 90 प्रतिशत आबादी नौकरी की परीक्षा देते-देते और नौकरी ढूंढते-ढूंढते थक जाती है। आज पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाले मौकों को खत्म किया जा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देश में पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत, दलितों की आबादी 15 प्रतिशत और आदिवासियों की आबादी आठ प्रतिशत है। हिंदुस्तान में जितनी भागीदारी इन वर्गों की होनी चाहिए, उतनी नहीं है। इसलिए जाति जनगणना, आर्थिक सर्वे और संस्थाओं का सर्वे जरूरी है। ये तीनों क्रांतिकारी कदम हैं।
राहुल गांधी ने कांग्रेस घोषणा पत्र में युवाओं के लिए किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर खाली पड़ी 30 लाख सरकारी नौकरियां भरने का कार्य 15 अगस्त तक शुरू हो जाएगा। 25 साल से कम उम्र के डिप्लोमा धारक या ग्रेजुएट युवाओं को सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग दी जाएगी। इन युवाओं को साल भर में एक लाख रुपये यानी कि साढ़े आठ हजार रुपया प्रति महीना की सहायता मिलेगी। पेपर लीक से मुक्ति गारंटी के तहत पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाएगा। गिग इकॉनमी में सामाजिक सुरक्षा की गारंटी के तहत गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की कानूनी गारंटी दी जाएगी।